कोरोना : कुदरत का कहर या आतंक की साजिश

कोरोना :  कुदरत का कहर या आतंक की साजिश
आए दिन जिस प्रकार कोरोना का कहर लोगों पर बरस रहा है इस पर कितनी जल्दी काबू पाया जाएगा यह कहना कठिन है दिन-प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ना और लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर इसे ईश्वर से जोड़ने का सच क्या है हम सभी जानते हैं इंसानों ने कुदरत के साथ कई खिलवाड़ किए हैं हम अपनी प्रगति के लिए इस प्रकृति को नुकसान पहुंचाते आए हैं,

तो क्या यह सच में सत्य है कि कोरोना (कोविड-19 ) नाम का जो वायरस आज संपूर्ण विश्व के लिए खतरा बना पड़ा है वह सच में प्रकृति द्वारा निर्मित है या इसके पीछे कोई और वजह है वहीं बीते कुछ दिनों में मरकत के जमाती सुर्खियों में बने हुए हैं इन लोगों द्वारा देश के कई हिस्सों में जाना और करोना का पॉजिटिव पाया जाना पुलिसकर्मियों डॉक्टरों पर हाथ उठाना और नर्सों से अश्लील हरकतें करना क्या यह एक संयोग मात्र है या इसके पीछे कोई और वजह है कहीं ऐसा तो नहीं यह सब किसी साजिश के तहत किया गया हो यहां बात धर्म पर ना आकर संपूर्ण मानव जाति पर आ जाती है क्योंकि वास्तव में अगर यह किसी साजिश के तहत किया गया है तो इन लोगों ने जहां की भी यात्रा की है वहां कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने का अनुमान लगाया जा सकता है ऐसे में देखना अब यह है कि सरकार इस पर किस प्रकार कदम उठाती है क्योंकि ऐसी घटना को अंजाम देना आतंकवाद को फैलाने से कतई कम नहीं है ना केवल चंद रुपयों के लिए ऐसे लोग अपना ईमान बेचते हैं बल्कि धर्म को भी बदनाम करते हैं,

कोरोना :  कुदरत का कहर या आतंक की साजिश
 भारत के लोगों को आवश्यक है कि वह आपसी मन-मुटाव को भुलाकर मानव जाति के ऐसे दुश्मनों के खिलाफ एक हो ना कि इसे किसी धर्म से जोड़े  क्योंकि ऐसे लोगों का कोई धर्म नहीं हो सकता जो किसी की जान को खतरा बने भारत सरकार को भी जल्द से जल्द ऐसे लोगों के खिलाफ ठोस कदम उठाने चाहिए

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